Chandrapur to Howrah Train | चंद्रपुर से हावड़ा ट्रेन शुरू करने की मांग तेज, बंगाली समाज ने सांसद धानोरकर को सौंपा ज्ञापन
The Bengali community in Chandrapur has urged MP Pratibha Dhanorkar to initiate a direct train to Howrah, submitting a formal memorandum to fulfill the long-standing demand for better rail connectivity between Chandrapur and West Bengal.
चंद्रपुर जिले में एक बार फिर कोलकाता (हावड़ा) के लिए सीधी ट्रेन की मांग ने जोर पकड़ लिया है। बंगाली समाज के प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में सांसद प्रतिभा धानोरकर से भेट कर इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने चंद्रपुर से हावड़ा तक सीधी ट्रेन सेवा शुरू करने की पुरजोर मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया कि हर वर्ष चंद्रपुर, गडचिरोली और कागजनगर जैसे क्षेत्रों से लाखों मतुआ श्रद्धालु कोलकाता स्थित ठाकुरनगर जाते हैं। वे अपने आराध्य हरिचांद ठाकुर जी के मंदिर में दर्शन करने और कामना सागर में पवित्र स्नान के लिए लंबी यात्रा करते हैं। यही नहीं, क्षेत्र के कई पर्यटक भी दक्षिणेश्वर, गंगासागर, बेलूर मठ, विक्टोरिया मेमोरियल और हावड़ा ब्रिज जैसे लोकप्रिय स्थलों की यात्रा करते हैं।
इस क्षेत्र के व्यापारी वर्ग को भी व्यापारिक गतिविधियों के लिए बार-बार कोलकाता जाना पड़ता है, लेकिन आज भी उन्हें मजबूरन नागपुर होकर लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।
रेलवे की विडंबना यह है कि चंद्रपुर से देश के 15 से अधिक राज्यों तक सीधी ट्रेन सेवा उपलब्ध है, लेकिन कोलकाता जैसे प्रमुख शहर के लिए अब तक कोई सीधा रेलमार्ग नहीं जोड़ा गया है।
प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव देते हुए कहा है कि:
12767 नांदेड़-संतरागाछी एक्सप्रेस को वणी की बजाय बल्लारशाह-चांदा फोर्ट-गोंदिया मार्ग से चलाया जा सकता है।
शक्तिपुंज एक्सप्रेस (11447), जो जबलपुर से रोज संतरागाछी जाती है, उसे सप्ताह में दो दिन बल्लारशाह से शुरू किया जा सकता है।
ज्ञापन सौंपते समय आंदोलन के संयोजक डॉ. सत्यजीत पोद्दार, पीजूष मंडल, कृष्ण गाइन, प्रशांत सरकार, हेमंत पोद्दार, तापस दास, और प्रोसेनजीत मल्लिक सहित कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सांसद प्रतिभा धानोरकर ने इस मांग को लाखों श्रद्धालुओं और आम जनता की आस्था से जुड़ा बताते हुए रेलवे मंत्रालय के समक्ष जल्द से जल्द चांदा फोर्ट से हावड़ा के लिए सीधी ट्रेन शुरू करने का आश्वासन दिया है।
यह मांग केवल धार्मिक भावना से नहीं जुड़ी है, बल्कि इसमें सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक पहलू भी शामिल हैं। चंद्रपुर और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाला बंगाली समाज लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहा है। यदि यह सीधी रेलसेवा शुरू होती है तो न केवल धार्मिक यात्रियों को लाभ मिलेगा, बल्कि व्यापारिक और पर्यटन गतिविधियों में भी इज़ाफा होगा। यह रेलमार्ग पूर्व और पश्चिम भारत को सीधे जोड़कर राष्ट्रीय एकता और क्षेत्रीय विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
अब देखना यह है कि केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय इस महत्वपूर्ण मांग पर कितना जल्द कदम उठाते हैं और चंद्रपुरवासियों को कोलकाता की सीधी कनेक्टिविटी का सपना कब साकार होता है।