CDCC Bank | फॉरेंसिक जांच के घेरे में चंद्रपुर सहकारी बैंक, विधायक जोरगेवार की पहल रंग लाई
Chandrapur Cooperative Bank faces forensic audit after MLA Kishor Jorgewar's efforts; major breakthrough in cooperative banking transparency.
चंद्रपुर सहकारी बैंक में 2.93 करोड़ का सायबर घोटाला: विधायक किशोर जोरगेवार की मांग पर DGP का कड़ा एक्शन, फॉरेंसिक जांच के आदेश
चंद्रपुर जिले की मध्यवर्ती सहकारी बैंक में करीब 2.93 करोड़ रुपये के सायबर घोटाले ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है। यह मामला अब केवल बैंकिंग लापरवाही का नहीं, बल्कि एक संभावित सुनियोजित साजिश का रूप ले चुका है। विधायक किशोर जोरगेवार की सख्त पहल और मांग के बाद राज्य के पुलिस महासंचालक (DGP) ने गंभीरता दिखाते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को इस मामले में त्वरित फॉरेंसिक जांच करने और दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
दिनांक 7 से 10 फरवरी 2025 के बीच चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक पर साइबर हमला हुआ, जिसमें कुल ₹3.60 करोड़ के लेन-देन में गड़बड़ी उजागर हुई। जांच के दौरान सामने आया कि इस हमले में से पुलिस ने अब तक केवल ₹90 लाख की राशि वापस प्राप्त की है, जबकि शेष ₹2.93 करोड़ रुपये अब तक गायब हैं।
इस घोटाले में केवल बाहरी हैकरों की भूमिका नहीं, बल्कि बैंक के भीतर से मिलीभगत का भी संदेह गहराता जा रहा है। इसमें बैंक अध्यक्ष, CEO (मुख्य कार्यकारी अधिकारी), IT विभाग प्रमुख, कंप्यूटर सहायक और यहां तक कि सायबर सुरक्षा सेवा प्रदाता (Cyber Security Vendor) की संलिप्तता की आशंका जताई गई है।
100 करोड़ का साइबर सुरक्षा खर्च – फिर भी कोई सुरक्षा नहीं?
इस मामले को और भी चौंकाने वाला बनाता है यह तथ्य कि बैंक ने सायबर सुरक्षा पर 100 करोड़ रुपये खर्च होने का दावा किया था। इसके बावजूद न कोई ठोस सुरक्षा व्यवस्था थी, न ही साइबर बीमा लिया गया था। यानी सुरक्षा खर्च दिखाकर भी बैंक ने लापरवाही और वित्तीय अनुशासन का घोर उल्लंघन किया।
इतना ही नहीं, न्यायालय की अनुमति के बिना ग्राहकों की राशि को बैंक के लाभ से चुकाकर न्यायिक प्रक्रिया का सीधा अपमान भी किया गया।
अधूरी रिपोर्ट, गुमराह करने की कोशिश
बैंक की आंतरिक समिति द्वारा तैयार किया गया फॉरेंसिक रिपोर्ट अधूरी और भ्रामक बताई जा रही है। इसे लेकर विधायक किशोर जोरगेवार ने मांग की है कि एक स्वतंत्र और विशेषज्ञ एजेंसी से पुनः फॉरेंसिक जांच करवाई जाए। साथ ही, उन्होंने इस प्रकरण में विशेष जांच दल (Special Investigation Team - SIT) गठित कर दोषियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की भी मांग की है।
DGP ने मानी मांग, अब होगी बड़ी कार्रवाई
विधायक जोरगेवार के द्वारा पुलिस महानिदेशक को सौंपे गए निवेदन को गंभीरता से लेते हुए DGP ने तुरंत जिला पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि इस मामले की गहन जांच की जाए और अपराधियों पर IPC के तहत मामला दर्ज किया जाए।
क्यों है यह मामला राज्यव्यापी चिंता का कारण?
- सायबर सुरक्षा की आड़ में करोड़ों का घोटाला।
- बैंक अधिकारियों और बाहरी एजेंसियों की संभावित साठगांठ।
- ग्राहकों की राशि के दुरुपयोग से आम जनता का भरोसा डगमगाया।
- राज्य के अन्य जिलों की सहकारी बैंकों में भी ऐसी लापरवाही की आशंका।
चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में सामने आया यह सायबर घोटाला राज्य की बैंकिंग प्रणाली की पोल खोलने वाला साबित हो सकता है। जिस तरह विधायक किशोर जोरगेवार ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और प्रशासन को मजबूर किया कि वह कार्रवाई करे, उससे उम्मीद जगी है कि दोषी चाहे कितने ही ऊँचे पदों पर क्यों न हों, अब बच नहीं पाएंगे।
आने वाले दिनों में यह प्रकरण राज्य स्तर का बड़ा सायबर फ्रॉड केस बन सकता है, और इससे सहकारी बैंकिंग सिस्टम में सुधार और पारदर्शिता की एक नई लहर भी शुरू हो सकती है।