A unique wedding | सादगी और सेवा का संदेश देता रामपूर का विवाह: डिजे नहीं, मृदंग और अन्नदान से गूंजा समारोह
A unique wedding in Rampur, Rajura embraces simplicity—no DJ, only traditional drum music and food donation, spreading a strong message of service and values.
जहाँ एक ओर आजकल विवाह समारोह दिखावे, डिजे और भारी-भरकम खर्च का प्रतीक बनते जा रहे हैं, वहीं रामपूर के रहने वाले सुनंदा और रामचंद्र घटे ने अपने पुत्र का विवाह एक अद्वितीय सामाजिक सेवा और सादगी के आदर्श उदाहरण के रूप में संपन्न किया।
यह विवाह न तो किसी डिजे की शोरगुल भरी धुन पर हुआ और न ही उसमें कोई तामझाम देखने को मिला। विवाह पूरी तरह वारकरी संप्रदाय की भजनी मंडली के टाळ-मृदंग की भक्तिपूर्ण धुनों और भजनों के सान्निध्य में संपन्न हुआ, जिसने वातावरण को अध्यात्म और संस्कृति से सराबोर कर दिया।
सेवा ही सच्चा उत्सव
विवाह के उपलक्ष्य में घटे परिवार ने वंदनीय राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज वसतीगृह के 80 छात्रों को बेडशीट वितरित कीं और बालसंस्कार शिबिर में दो समय का भोजनदान कर एक अनुकरणीय सेवा कार्य किया। इस पहल ने विवाह को महज एक निजी समारोह न रखते हुए सामाजिक कल्याण का माध्यम बना दिया।
सम्माननीय अतिथि और सामाजिक सहभागिता
इस सादगीपूर्ण एवं सेवाभावी आयोजन में विभिन्न सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही:
दिनकर गिरडकर, संतोष चन्ने, योगेश अगळे, श्री गुरुदेव सेवा मंडळ, तालुका राजुरा, नैसर्गिक पर्यावरण संवर्धन व मानवता विकास संस्था के महाराष्ट्र राज्य अध्यक्ष बादल बेले, मोहनदास मेश्राम, तालुका सेवाधिकारी, गुरुदेव सेवा मंडळ
इन सभी ने विवाह समारोह की प्रशंसा करते हुए कहा कि घटे परिवार का यह आयोजन समाज के लिए प्रेरणा है – जहाँ सादगी में भी गरिमा है और सेवा में ही सच्चा उत्सव।
संदेश
रामपूर का यह विवाह समारोह यह दर्शाता है कि भव्यता केवल चमक-धमक में नहीं, बल्कि संस्कृति, सेवा और संस्कार में होती है। आज के समाज को ऐसे उदाहरणों की न केवल आवश्यकता है, बल्कि इन्हें प्रोत्साहित कर समाज को सही दिशा देने की जिम्मेदारी भी हमारी है।